कामधेनु डेयरी योजना क्या है : अब डेढ़ लाख रुपए महीने का बिकेगा दूध

कामधेनु डेयरी योजना : 30 जून तक मांगे आवेदन

ट्रैक्टर जंक्शन पर किसान भाइयों का एक बार फिर स्वागत है। कोरोना संक्रमण काल में अब सरकार का पूरा ध्यान ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर है। सरकार अब कृषि के अलावा पशुपालन को भी बढ़ावा दे रही है। सरकार की ऐसी ही एक योजना है कामधेनु डेयरी योजना। इस योजना के माध्यम से सरकार पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देकर किसान, पशुपालक, गौपालक, महिलाओं व नवयुवकों को स्वरोजगार उपलब्ध करा रही है। योजना के तहत सब्सिडी पर 90 फीसदी लोन लेकर डेयरी की स्थापना की जा सकती है। इस योजना में किसान अधिकतम करीब साढ़े तीन लाख रुपए का निवेश करना होता है। बाकि सारा पैसा सरकार और बैंक के माध्यम से मिलता है। इस योजना में श्रेष्ठ देशी नस्ल की कम से कम 15 गायें डेयरी में रखनी होती है जो करीब 10-12 लीटर दूध प्रतिदिन देती हो।

इस प्रकार एक 15 गायों से करीब 150 लीटर दूध प्रतिदिन प्राप्त होता है। अगर इसे कम से कम भाव 35 रुपए लीटर के हिसाब से बेचे तो भी प्रतिदिन की 5250 रुपए का दूध बेच सकते हैं। इस प्रकार एक महीने में करीब 1 लाख 57 हजार रुपए का दूध बेच सकते हैं। अब कमाई का हिसाब आप खुद लगा सकते हैं। तो ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट के माध्यम से जानते हैं कामधेनु डेयरी योजना के बारे में।

कामधेनु डेयरी योजना 2020 की खास बातें

  • राजस्थान सरकार ने देसी गाय के हाईटेक डेयरी फार्म को बढ़ावा देने के लिए कामधेनु डेयरी योजना शुरू की है।
  • कामधेनु डेयरी योजना के तहत राजस्थान सरकार ने 30 जून तक आवेदन मांगे हैं। इस योजना में नवयुवकों को डेयरी से स्वरोजगार दिया जाएगा।
  • इसके अंतर्गत राज्य के किसान, पशुपालक, गौपालक, महिला, पुरुष और नवयुवक सभी पात्र हैं।
  • योजना का संचालन पशुपालन विभाग के जरिए किया जाएगा।
  • योजना के तहत प्रजनन नीति अनुसार दूधारू देशी गौवंश का संर्वधन कर देसी उन्नत गौवंशों की डेयरी लगा सकते हैं।

कामधेनु डेयरी योजना में लोन व सब्सिडी / पशुपालन योजना

कामधेनु डेयरी योजना में अधिकतम एक इकाई की लागत 36.68 लाख रुपए होगी। जिसमें प्रोजेक्ट लागत का 30 प्रतिशत सरकार द्वारा खर्च किया जाएगा और 10 प्रतिशत राशि डेयरी स्थापित करने वाले उद्यमी को निवेश करनी होगी। 60 प्रतिशत की राशि बैंक द्वारा पशुपालन के लिए लोन दी जाएगी। डेयरी स्थापित करने वाले शिक्षित पशुपालक को पशुपालन का अनुभव और खुद की भूमि होना आवश्यक है। डेयरी लगाने के लिए इच्छुक और पात्रता रखने वाले अभ्यर्थियों को 30 जून तक निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना होगा। योजना के के तहत किसान को 30 गौवंश पालने के लिए 4 प्रतिशत ब्याज पर कुल लागत का 90 प्रतिशत लोन दिया जा रहा है।

राजस्थान कामधेनु डेयरी योजना के लिए पात्रता

  • कामधेनू डेयरी योजना’ के तहत पशुपालन विभाग की प्रजनन नीति के अनुरूप वित्तीय वर्ष 2020-21 में सरकार द्वारा चयनित अभ्यर्थियों के माध्यम से कामधेनू डेयरियां खोली जाएंगी।
  • डेयरी खोलने के लिए लाभार्थी के पास पर्याप्त स्थान और हरा चारा उत्पादन करने के लिए कम से कम एक एकड़ भूमि होनी चाहिए।
  • सफल आवेदक को बैंक के माध्यम से लोन मिलने के बाद डेयरी प्रबंधन और गौ उत्पादों के संबंध में प्रशिक्षण और मार्गदर्शन भी दिया जाएगा। लाभार्थी को इस क्षेत्र में कम से कम तीन साल का अनुभव होना आवश्यक हैं।
  • साथ ही डेयरी का संचालन स्थानीय निकाय के प्रतिबंधित सीमा क्षेत्र से बाहर किया जाएगा।
  • कामधेनू डेयरी योजना के तहत इच्छुक आवेदक 30 जून तक निर्धारित प्रपत्र में पशुपालन विभाग के कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं।
  • इस डेयरी में उच्च दुग्ध क्षमता वाली एक ही नस्ल के 30 गौवंश होगें। देशी नस्ल की गायें जिनकी उम्र 5 वर्ष या दो ब्यांत (जो भी कम हो) होनी चाहिए और दुग्ध उत्पादन 10-12 लीटर प्रतिदिन होना चाहिए।
  • प्रथम चरण में एक ही नस्ल की 15 दुधारू गाय और इसके 6 महीने बाद द्वितीय चरण में 15 देशी गौवंश क्रय करने होंगे।

डेयरी योजना के लिए आवेदन

राजस्थान में कामधेनु डेयरी योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। योजना का लाभ लेने के लिए किसान 30 जून तक आवेदन कर सकते हैं। आवदेन के लिए निर्धारित शर्ते पूरा करना आवश्यक होगा। योजना की अधिक जानकारी तथा आवेदन पत्र विभाग की वेबसाइट https://gopalan.rajasthan.gov.in/GopalanSchemes.htm से डाऊनलोड कर प्राप्त किए जा सकते हैं।

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